तकनीकी शिक्षा में प्रतिष्ठित शिक्षकों के लिए राज्य पुरस्कार योजना आरम्भ

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  • शिक्षक दिवस पर छह श्रेणियों में प्रत्येक वर्ष 10 पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे

  • औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग व फार्मेसी कॉलेजों के शिक्षकों को मिलेगा सम्मान

  • राज्य स्तरीय चयन समिति के माध्यम से बहुस्तरीय चयन प्रक्रिया अपनाई जाएगी


Technical Education Teachers Award: हिमाचल प्रदेश सरकार ने तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए राज्य पुरस्कार योजना शुरू करने की स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के निर्देशन में यह योजना शिक्षकों के विशिष्ट योगदान, नवाचार और समर्पण को मान्यता देने के उद्देश्य से आरम्भ की गई है। इस योजना के तहत हर वर्ष शिक्षक दिवस (5 सितंबर) के अवसर पर छह श्रेणियों में कुल दस शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा।

पुरस्कारों में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के लिए तीन सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार, रिसर्च एक्सीलेंस एंड इनोवेशन अवार्ड (डिग्री लेवल) और इंडस्ट्री कोलैबोरेशन अवार्ड (पॉलिटेक्निक्स और आईटीआई) के लिए दो-दो पुरस्कार, तथा सर्वश्रेष्ठ शिक्षक (पॉलिटेक्निक्स, इंजीनियरिंग और फार्मेसी कॉलेज स्तर) के लिए एक-एक पुरस्कार शामिल हैं। इन पुरस्कारों के तहत शिक्षकों को राज्यपाल द्वारा मेडल, हिमाचली टोपी, स्कार्फ, शॉल, किताबें, स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जाएगा।

इस पुरस्कार के लिए शिक्षकों का चयन शैक्षणिक नवाचार, औद्योगिक सहयोग, विद्यार्थियों के मार्गदर्शन, शोध प्रकाशन, पेटेंट फाइलिंग और प्लेसमेंट में विशेष योगदान जैसे मापदंडों के आधार पर किया जाएगा। यह पुरस्कार किसी भी शिक्षक को उनके पूरे सेवाकाल में केवल एक बार ही दिया जाएगा। सेवानिवृत्त शिक्षकों और उन शिक्षकों को, जिन पर अनुशासनात्मक कार्यवाही चल रही हो, इस पुरस्कार के लिए पात्र नहीं माना जाएगा। केवल वे शिक्षक ही इस पुरस्कार के लिए आवेदन कर सकते हैं, जो पुरस्कार वर्ष की 30 अप्रैल तक सेवारत होंगे।

चयन प्रक्रिया बहुस्तरीय होगी, जिसमें पहले चरण में तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति संस्थानों से प्राप्त नामांकनों की समीक्षा करेगी। इसके बाद तकनीकी शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति योग्य उम्मीदवारों की सिफारिश करेगी। अंत में सचिव (तकनीकी शिक्षा) की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय चयन समिति श्रेष्ठ शिक्षकों का अंतिम चयन करेगी।

वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में पांच इंजीनियरिंग कॉलेज, पांच फार्मेसी कॉलेज, 17 पॉलीटेक्निक और 153 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संचालित किए जा रहे हैं। इसके अलावा, 180 निजी तकनीकी संस्थान भी राज्य में कार्यरत हैं। प्रदेश सरकार इस योजना के माध्यम से तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता और नवाचार को बढ़ावा देने के साथ-साथ शिक्षकों की विशिष्ट सेवाओं को मान्यता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।


वहीं, शिक्षा मंत्री ने खड़ापत्थर स्थित जलशक्ति विभाग के जुब्बल मण्डल के अंतर्गत 38 लाख रूपये से निर्मित होने वाले “निरिक्षण कुटीर ” का भूमि पूजन किया। गौर तलब है कि यह निर्माण कार्य निर्माणाधीन पब्बर नदी से उठाऊ पेयजल योजना का एक अंग है जिसके माध्यम से क्षेत्र की लगभग 23 पंचायतों को पीने का पानी उपलब्ध हो सकेगा। उसके बाद शिक्षा मंत्री ने राजकीय उत्कृष्ट प्राथमिक विद्यालय खड़ा पत्थर के नव निर्मित भवन का उद्घाटन किया। इस विद्यालय के निर्माण में 25 लाख रुपये का व्यय किया गया है। इसी के साथ ही शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि राजकीय उच्च विद्यालय खड़ापत्थर का निर्माण भी किया जाना है, जिसके लिए 80 लाख रूपये की स्वीकृति भी मिल चुकी है । शिक्षा मंत्री ने निर्माण से जुड़े अधिकारियों को समय से कार्य पूरा करने के निर्देश भी दिये। तत्पश्चात शिक्षा मंत्री मंढोल पहुंचे जहाँ पर उन्होंने 6 करोड़ 60 लाख रूपये की लागत से स्तरोन्नत होने वाली”मंढोल नगरकोटी शेलापानी जोहटा ” संपर्क मार्ग का भूमि पूजन किया। मंढोल में आयोजित एक भव्य समारोह में शिक्षा मंत्री ने स्थानीय लोगों को सम्बोधित करते हुए बताया कि मंढोल गाँव उनके विधानसभा क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण और बड़ा गाँव है और यहाँ के निवासियों का सहयोग सदैव ही उनके साथ रहा है। विधानसभा क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों की चर्चा करते हुए रोहित ठाकुर ने बताया कि प्रदेश के ऊर्जावान मुख्यमंत्री एवं स्थानीय जनता के सहयोग से जुब्बल नावर कोटखाई में विकास कार्य पूरी गति के साथ चल रहे है। उन्होंने यह भी बताया कि बागवानी बहुल क्षेत्र होने के कारण इस क्षेत्र में सड़क निर्माण सबसे महत्वपूर्ण कार्य है जिससे कि बागवान समय पर अपनी फसल को बाजार तक पहुंचा सके। इसी के दृष्टिगत वर्तमान सरकार ने सड़क निर्माण में प्रशंसनीय कार्य किया है और सरकार के आधे से भी कम कार्यकाल में 115 सड़कों की पासिंग की है और यह यह कार्य निरंतर आगे बढ़ रहा है। रोहित ठाकुर ने यह भी बताया कि हमारा क्षेत्र प्राकृतिक सुंदरता से भी परिपूर्ण है और आने वाले समय में पर्यटन को बढ़ावा देने की दृष्टि से भी सड़कों का निर्माण एक अति महत्वपूर्ण कार्य है। बागबानों को मिलने वाली सब्सिडी को लेकर उन्होंने बताया कि इस विषय को वो जल्द से जल्द मुख्यमंत्री और बाग़वानी मंत्री के संज्ञान में लाएंगे, जिससे कि बागबानों को उनकी ज़रूरत का सामान और सब्सिडी जल्द से जल्द प्राप्त हो सके।

शिक्षा मंत्री ने किया प्रशिक्षण संस्थान का निरीक्षण
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है ।इस दिशा में पूर्णरूपेण कार्यरत है। इसके पश्चात् रोहित ठाकुर ने 14 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान के लिए चयनित भूमि का निरिक्षण किया । यह संस्थान एक महत्वाकांक्षी परियोजना है जिससे कि आने वाले समय में शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। उन्होंने ने बताया कि निर्माण से जुडी सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है और शीघ्र ही इसका निर्माण कार्य आरम्भ हो जायेगा।अपने प्रवास के अंतिम चरण में शिक्षा मंत्री ने पीढ़ी माता मंदिर में शीश नवाया और देवी का आशीर्वाद लिया । इस अवसर पर जुब्बल नावर कोटखाई कांग्रेस मण्डल अध्यक्ष मोती लाल डेरटा, ज़िला परिषद सदस्य कौशल मुंगटा, स्थानीय एवं साथ लगती पंचायतों के जन प्रतिनिधि. SDM जुब्बल BDO जुब्बल, के अतिरिक्त सभी विभागों के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।